"दीवानों की हस्ती" एक हिंदी कविता है जिसके कवि हैं भगवती चरण वर्मा। इस कविता में, कवि हमें जीवन की असीम खुशियों और मुक्त जीवनशैली की तरफ ले जाते हैं। वह बताते हैं कि असली खुशी और संतोष कैसे पाया जा सकता है।
कविता शुरू होती है कवि....
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भगवती चरण वर्मा एक प्रसिद्ध हिन्दी कवि और लेखक थे। उनका जन्म 30 अगस्त, 1903 को उत्तर प्रदेश के सफीपुर गाँव में हुआ था। वे हिन्दी साहित्य में एक बहुत बड़ा नाम हैं। उनके द्वारा लिखी गई किताबें और कविताएँ हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं, उतार-चढ़ावों और मानवीय भावनाओं के बारे में सिखाती हैं।
उन्होंने हिन्दी के अलावा संस्कृत में भी पढ़ाई की थी, जिससे उनके लेखन पर संस्कृत का अच्छा प्रभाव पड़ा। भगवती चरण वर्मा ने कई प्रकार के साहित्यिक रूपों में लेखन किया है, जैसे कविताएँ, उपन्यास, नाटक और निबंध। उनकी रचनाएँ हमें सोचने के लिए नई दिशा देती हैं।
उनका एक मशहूर उपन्यास "चित्रलेखा" है, जो दार्शनिक प्रश्नों पर आधारित है। इस उपन्यास में पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म की बहस की गई है। भगवती चरण वर्मा की कविता "दीवानों की हस्ती" भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें वे जीवन के उतार-चढ़ावों और मनुष्य की भावनाओं को बड़ी सुंदरता से व्यक्त करते हैं।
भगवती चरण वर्मा ने हमें यह सिखाया कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन हमें हमेशा प्रेम और उत्साह के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए। उनकी रचनाएँ आज भी हमें प्रेरणा देती हैं और हमें जीवन के सही अर्थों को समझने में मदद करती हैं। भगवती चरण वर्मा का निधन 5 अक्टूबर, 1981 को हुआ, लेकिन उनके द्वारा छोड़ी गई साहित्यिक विरासत आज भी हमारे दिलों में जीवित है।
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Unlock now 🔓"दीवानों की हस्ती" एक हिंदी कविता है जिसके कवि हैं भगवती चरण वर्मा। इस कविता में, कवि हमें जीवन की असीम खुशियों और मुक्त जीवनशैली की तरफ ले जाते हैं। वह बताते हैं कि असली खुशी और संतोष कैसे पाया जा सकता है।
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कवि इस कविता में मस्ती और स्वतंत्रता के विषय को बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत करते हैं। कवि कहते हैं कि वे जैसे चाहते हैं, वैसे ही जीते हैं, बिना किसी बंधन में बंधे। वे जहाँ...
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Unlock now 🔓"दीवानों" का प्रतीक यह दर्शाता है कि कवि का स्वभाव मुक्त और बंधन से परे है। वे समाज की परिधियों और उम्मीदों से बंधे नहीं हैं। यह प्रतीक हमें बताता है कि जीवन.....
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Unlock now 🔓अनुप्रास अलंकार तब होता है जब एक ही ध्वनि या वर्ण का बार-बार प्रयोग ......
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Unlock now 🔓कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को 'आँसू बनकर बह जाना' क्यों कहा है?
कवि ने अपने आने को 'उल्लास' कहा है क्योंकि जब वह कहीं आते हैं, तो वह खुशियाँ लेकर आते हैं, मानो उनके आने से जगह और भी खुशहाल हो जाती है। जैसे किसी त्योहार के आने पर खुशी का माहौल होता है, कुछ ऐसा ही उनके आने पर होता है। इसी तरह, उनके जाने को उन्होंने 'आँसू बनकर बह जाना' कहा है क्योंकि जब वह किसी जगह से जाते हैं, तो लोग उनकी कमी महसूस करते हैं। मानो उनका जाना लोगों के लिए उदासी और गम का कारण बन जाता है, जैसे किसी अच्छे दोस्त के जाने पर हमें दुःख होता है।
कवि ने कहा है कि उनकी जिंदगी बहुत मस्ती और फक्कड़ शैली की है, जहाँ वह जहाँ जाते हैं खुशियाँ बांटते हैं, लेकिन जब वह वहाँ से चले जाते हैं तो लोगों को उनकी कमी खलती है। यही कारण है कि उनके जाने को 'आँसू' से जोड़ा गया है। असल में, कवि यह दिखाना चाहते हैं कि जिंदगी में खुशियाँ भी हैं और गम भी, और ये दोनों ही जिंदगी के अहम हिस्से हैं।
भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
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Sign up nowकविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
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Sign up nowजीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।
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Sign up nowएक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि "हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।" दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि "मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।" यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?
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Sign up nowसंतुष्टि के लिए कवि ने 'छककर' 'जी भरकर' और 'खुलकर' जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे-हँसकर, गाकर।
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Sign up nowहम दीवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले,
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।
आए बन कर उल्लास अभी,
आँसू बन कर बह चले अभी,
सब कहते ही रह गए, अरे,
तुम कैसे आए, कहाँ चले?
कविता के पहले चार पंक्तियों में कवि ने दीवानों के व्यक्तित्व के किस पक्ष का वर्णन किया है?
“धूल उड़ाते” और “उल्लास अभी, आँसू बन कर” जैसे वाक्यांशों में कौन-सी काव्यालंकार का प्रयोग किया गया है और ये कैसे कविता के भाव को मजबूत करते हैं?
कविता में “तुम कैसे आए, कहाँ चले?” पंक्ति क्या दर्शाती है और इसका उपयोग किस प्रकार का आयाम जोड़ता है?
कवि द्वारा “हम दीवानों की क्या हस्ती” कहने का अर्थ क्या है? कवि के द्वारा यहाँ ‘दीवानों’ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है और इसका जीवन की अस्थिरता से क्या संबंध है?
1. दीवानों के व्यक्तित्व के पक्ष का वर्णन करते हुए कवि ने उनकी अस्थिर जीवनशैली, मस्ती में रहने की प्रवृत्ति और सदैव परिवर्तनशील रहने के भाव को प्रस्तुत किया है।
2. "धूल उड़ाते" और "उल्लास अभी, आँसू बन कर" इन वाक्यांशों में रूपक और विरोधाभास काव्यालंकार का प्रयोग हुआ है। ये अलंकार दीवानों के जीवन के उतार-चढ़ाव और उनकी अनिश्चितता के भाव को मजबूती प्रदान करते हैं।
3. "तुम कैसे आए, कहाँ चले?" यह पंक्ति समाज के द्वारा दीवानों की अस्थिरता को लेकर उत्पन्न आश्चर्य और उनके एक क्षण में आगमन और अचानक लुप्त हो जाने के प्रति उत्सुकता को दर्शाती है।
4. "हम दीवानों की क्या हस्ती" पंक्ति जीवन की अनियमितता और अस्थायित्व को उजागर करती है। 'दीवानों' शब्द का प्रयोग स्वतंत्र विचारधारा और अबाधित जीवन शैली के प्रति प्रेम व्यक्त करता है जो जीवन की अस्थिरता के साथ स्वतंत्रता और अपने द्वारा बांधनों को तोड़ आगे बढ़ने के वृत्ति का प्रतीक है।
किस ओर चले? यह मत पूछो,
चलना है, बस इसलिए चले,
जग से उसका कुछ लिए चले,
जग को अपना कुछ दिए चले,
दो बात कही, दो बात सुनी।
कुछ हँसे और फिर कुछ रोए।
छककर सुख-दुख के घूँटों को
हम एक भाव से पिए चले।
“किस ओर चले? यह मत पूछो, चलना है, बस इसलिए चले,” इन पंक्तियों के माध्यम से कवि किस मुख्य भावना या दर्शन को व्यक्त कर रहे हैं?
कवि द्वारा “जग से उसका कुछ लिए चले, जग को अपना कुछ दिए चले,” का प्रयोग करके किस प्रकार के भावतात्पर्य को संकेत किया गया है और इससे क्या सिख मिलती है?
“दो बात कही, दो बात सुनी। कुछ हँसे और फिर कुछ रोए।” इन पंक्तियों में कवि द्वारा जीवन के किन अनुभवों का वर्णन किया गया है?
“छककर सुख-दुख के घूँटों को हम एक भाव से पिए चले।” इस पंक्ति में किस काव्यालंकार का प्रयोग हुआ है और यह कैसे कविता के मूल भाव को सशक्त बनाता है?
इस काव्यांश के माध्यम से कवि ने जीवन के प्रति किस दृष्टिकोण की वकालत की है?
इस काव्यांश में वर्णित जीवन के तत्वों का आपके व्यक्तिगत जीवन में क्या महत्व है?
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