"भगवान के डाकिए" एक बेहद खूबसूरत कविता है, जिसे महान कवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा है। इस कविता में, कवि ने बड़ी ही सुंदरता से प्रकृति की विविधता और....
भगवान के डाकिए - Class 8 - Hindi
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Back Questions - भगवान के डाकिए | वसंत | Hindi | Class 8
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए बताया है क्योंकि ये दोनों प्रकृति के माध्यम से भगवान के संदेशों को लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना किसी रोक-टोक के जाते हैं। पक्षियों का उड़ना और बादलों का विचरण ईश्वरीय संदेशों का वाहक माना गया है। यह प्रतीकात्मक रूप से विश्व के सार्वभौमिक संबंध और प्रकृति के अविभाज्य सौंदर्य को दर्शाता है। पेड़-पौधे, पहाड़ और जल इन संदेशों को समझते हैं और इससे प्रकृति के निरंतर चक्र और उसकी समरसता का भी पता चलता है। इसलिए कवि ने प्रतीकात्मक अर्थ में इन्हें भगवान के डाकिए कहकर संपूर्ण प्रकृति की एकता और सहजता को व्यक्त किया है।
पक्षी और बादल द्वारा लाइ गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।
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Sign up nowकिन पंक्तियों का भाव है-
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
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Sign up nowपक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
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Sign up now"एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है"-कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
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Sign up nowपक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
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Sign up nowआज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
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Sign up now'हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका' क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।
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Sign up nowडाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू. डब्ल्यू. डब्ल्यू. WWW.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से भगवान के डाकिए एक लेख तैयार कीजिए। लेख लिखने के लिए आप 'चिट्ठियों की अनूठी दुनिया' पाठ का सहयोग ले सकते हैं।
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Sign up nowExtra Questions - भगवान के डाकिए | वसंत | Hindi | Class 8
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड
बाँचते हैं।
इस पद्यांश में भगवान के डाकिए किसे कहा गया है और इनका उद्देश्य क्या है?
प्रकृति के अंतरसंबंधों की भावना इस पद्यांश द्वारा कैसे व्यक्त की गई है?
कवि के अनुसार हम इन डाकियों द्वारा लायी गयी संदेशों को क्यों नहीं समझ पाते हैं?
महादेशों के बीच संदेशों की डिलीवरी को व्यक्त करने के लिए इस पद्यांश में किस चित्रण का उपयोग किया गया है?
इस पद्यांश में पक्षियों और बादलों की आवाजाही के माध्यम से एकता और सामंजस्य की थीम को कैसे दर्शाया गया है?
इस पद्यांश में प्रयुक्त किसी भी काव्य अलंकार की पहचान करें और समझाएं।
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड
बाँचते हैं।
इस पद्यांश में भगवान के डाकिए किसे कहा गया है और इनका उद्देश्य क्या है?
प्रकृति के अंतरसंबंधों की भावना इस पद्यांश द्वारा कैसे व्यक्त की गई है?
कवि के अनुसार हम इन डाकियों द्वारा लायी गयी संदेशों को क्यों नहीं समझ पाते हैं?
महादेशों के बीच संदेशों की डिलीवरी को व्यक्त करने के लिए इस पद्यांश में किस चित्रण का उपयोग किया गया है?
इस पद्यांश में पक्षियों और बादलों की आवाजाही के माध्यम से एकता और सामंजस्य की थीम को कैसे दर्शाया गया है?
इस पद्यांश में प्रयुक्त किसी भी काव्य अलंकार की पहचान करें और समझाएं।
1. इस पद्यांश में भगवान के डाकिए पक्षी और बादलों को कहा गया है। इनका उद्देश्य एक महादेश से दूसरे महादेश तक संदेश पहुंचाना है।
2. प्रकृति के अंतरसंबंधों की भावना को यह पद्यांश पक्षियों और बादलों के द्वारा महादेशों में संदेशों को लेकर जाने के चित्रण के माध्यम से व्यक्त करता है।
3. कवि के अनुसार, हम इन डाकियों द्वारा लाई गई संदेशों को नहीं समझ पाते क्योंकि ये संदेश प्रकृति की भाषा में होते हैं जिसे केवल पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ समझ सकते हैं।
4. महादेशों के बीच संदेशों की डिलीवरी को व्यक्त करने का चित्रण पक्षियों और बादलों को भगवान के डाकिये के रूप में दिखाया गया है जो प्रकृति के अलग-अलग हिस्सों तक संदेश पहुँचाते हैं।
5. एकता और सामंजस्य की थीम को पक्षियों और बादलों की बाधारहित, स्वतंत्र गतिविधियों के माध्यम से दर्शाया गया है, जो प्राकृतिक दुनिया की अंतर्संबद्ध और सामंजस्यपूर्ण संरचना का प्रतीक है।
6. इस पद्यांश में प्रयुक्त काव्य अलंकार में उपमा (पक्षी और बादलों को डाकिये के रूप में) और चित्रण (प्राकृतिक तत्वों को संदेश प्राप्त करते हुए वर्णन) शामिल हैं।
हम तो केवल यह आँकत हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
इस पद्यांश में प्राकृतिक तत्वों के देशों के बीच स्थानांतरण के बारे में क्या सुझाव दिया गया है?
कवि ने एक देश से दूसरे देश में सुगंध की गति का वर्णन कैसे किया है?
“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” का रूपकार्थ क्या है?
प्राकृतिक घटनाओं के माध्यम से देशों के बीच अंतर्संबंध की थीम को कैसे दर्शाया गया है?
बॉर्डर के पार सुगंधों को ले जाने में पक्षियों की भूमिका पर चर्चा करें।
पद्यांश में उल्लेखित भाप का पानी में परिवर्तित होकर दूसरे देश में गिरने के महत्व पर विचार करें।
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Sign up nowAbout the Poet - भगवान के डाकिए | Class 8 वसंत | Hindi
रामधारी सिंह दिनकर भारतीय हिंदी साहित्य के एक महान कवि थे। उनका जन्म 23 सितंबर, 1908 को बिहार राज्य में हुआ था। दिनकर जी को उनकी प्रेरणादायक और ओजस्वी कविताओं के लिए बहुत प्यार मिला। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय पर भी कविताएँ लिखीं जो लोगों में देशभक्ति और साहस की भावना जगाती थीं।
उनकी काव्य कृतियों में 'रश्मिरथी' और 'कुरुक्षेत्रा' जैसी पुस्तकें बहुत ही प्रसिद्ध हैं। 'रश्मिरथी' में, उन्होंने महाभारत के महानायक कर्ण के जीवन को बहुत खूबसूरती से चित्रित किया है। वहीं 'कुरुक्षेत्रा' कविता महाभारत के युद्ध पर आधारित है जो मानवता और अहिंसा के मूल्यों पर जोर देती है।
रामधारी सिंह दिनकर ने न केवल हिंदी साहित्य के लिए अपनी सेवाएँ दीं, बल्कि वो एक समर्पित शिक्षक भी थे। उन्होंने कविता के माध्यम से नैतिक मूल्यों और आदर्शों को बढ़ावा दिया।
उन्हें उनके महान साहित्यिक कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। 'पद्म भूषण' और 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' जैसे सम्मान उन्हें उनकी असीम प्रतिभा और साहित्य के प्रति उनके योगदान के लिए दिए गए।
रामधारी सिंह दिनकर का 24 अप्रैल, 1974 को निधन हो गया, लेकिन उनकी रचनाएँ और उनका साहित्यिक योगदान हमेशा हमारे बीच रहेगा। उनके द्वारा रचित साहित्य से हमें प्रेरणा और ज्ञान मिलता रहेगा।
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Themes - भगवान के डाकिए | Class 8 वसंत | Hindi
प्रकृति की महत्वपूर्णता
इस कविता में प्रकृति की सुंदरता और उसकी महत्वपूर्णता को बहुत ही सुंदर तरीके से दर्शाया गया है। कविता में बादलों और पक्षियों को भगवान का डाकिया कहकर, इस.....
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1. पक्षी और बादल - भगवान के डाकिए
कविता में पक्षियों और बादलों को "भगवान के डाकिए" के रूप में वर्णित किया गया है। यह प्रतीक हमें दिखाता है कि कैसे प्रकृति के ये तत्व एक स्थान से दूसरे स्थान ....
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1. उपमा (Simile)
उपमा तब होती है जब किसी चीज की तुलना दूसरी चीज से 'की तरह', 'जैसा' आदि शब्दों के साथ की जाती है। कविता में जब पक्षियों और बादलों को डाकिए के रूप में दिखाया गया, तो ....
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