यह कविता एक बहुत ही खूबसूरत और प्रेरणादायक संदेश देती है। कवि ने इसमें भगवान से विशेष वरदान मांगे हैं। वह भगवान से यह नहीं माँगता कि वे उसे....
वरदान - Class 7 - Hindi
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Back Exercise - वरदान | गुलमोहर पाठ्यपुस्तक | Hindi | Class 7
निम्नलिखित शब्दों के वर्ण-विच्छेद कीजिए।
(क) अनर्थ -⋯⋅+⋯+⋯+⋯+⋯+⋯
(ख) धरती -⋯⋅+⋯+⋯+⋯+⋯+⋯
(ग) संकट -⋯⋅+⋯+⋯+⋯+⋯+⋯
(घ) प्रभु -⋯⋅+⋯+⋯+⋯+⋯+⋯
(ङ) चित्त -⋯⋅+⋯+⋯+⋯+⋯+⋯
(क) अनर्थ - अ + न् + अ + र् + थ
(यहाँ 'अ' और 'न' 'र' और 'थ' के साथ जुड़ते हैं और तब हमें 'अनर्थ' शब्द मिलता है।)
(ख) धरती - ध् + अ + र् + त् + ई
(यहाँ 'ध' 'अ' 'र' 'त' और 'ई' सभी जुड़ के 'धरती' बनाते हैं।)
(ग) संकट - स् + अ + ङ् + क् + अ + ट
(यहाँ 'स' के साथ अनुस्वार 'ङ्' (जो कि नासिक्य स्वर है), 'क' और 'ट' जुड़ते हैं।)
(घ) प्रभु - प्र् + अ + भ् + उ
(यहाँ 'प्र' का संयुक्त वर्ण, 'भ' और 'उ' मिलकर 'प्रभु' बनाते हैं।)
(ङ) चित्त - च् + इ + त् + त
(यहाँ 'च' 'इ' और दो बार 'त' (जिसमें से एक 'त्' और दूसरा 'त') मिलकर 'चित्त' बनाते हैं।)
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
(क) भयभीत x
(ख) सौभाग्य x
(ग) आशीर्वाद ×
(घ) स्वीकार ×
(ङ) विजय x
(च) अर्थ x
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Sign up now'प्रार्थना' के पर्यायवाची हैं-
(i) विनती, विनय
(ii) अनुनय, अर्चना
(iii) प्रेम, निर्वाण
(iv) (i) एवं (ii) दोनों
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Sign up nowसिधु, पयोनिधि, नदीश, नीरनिधि, जलधि आदि इनमें से किसके पर्यायवाची हैं?
(i) नदी
(ii) सरिता
(iii) झरना
(iv) सागर
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Sign up nowनिम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
(क) जिसका मस्तक झुका हुआ हो
(ख) किसी की खिल्ली उड़ाना
(ग) धीरज बँधाना
(घ) जिसके वश में कुछ न हो
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Sign up nowकिसी वस्तु, स्थान, प्राणी, अवस्था, गुण या भाव के नाम का बोध करवाने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं।
संज्ञा के भेद
व्यक्तिवाचक
जातीवाचक
भाववाचक
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Sign up nowकविता में से जो भाववाचक संज्ञा शब्द आपने चुने, उनमें से किन्हीं पाँच शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
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Sign up nowविशेष प्रार्थना-सभा की तैयारी के लिए कक्षा प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने हेतु एक सूचना लिखिए।
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Sign up now'जब मनुष्य स्वयं को कमज़ोर पाता है तब ईश्वर की शरण लेता है।' इस कथन पर घेरा समय में अपने विचार रखिए।
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Sign up nowक्या आपने कभी विषम परिस्थितियों का मुकाबला साहस और धैर्य के साथ किया है? अप्मे Thinking घेरा समय में साझा कीजिए।
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Sign up nowBack Questions - वरदान | गुलमोहर पाठ्यपुस्तक | Hindi | Class 7
दिए गए शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए।
विपरीत, सांत्वना, भिक्षा, आशीर्वाद, अनिष्ट, प्रतारणा, नतमस्तक, अंकित
1. विपरीत - वि-प-री-त
2. सांत्वना - सां-त्व-ना
3. भिक्षा - भि-क्षा
4. आशीर्वाद - आ-शीर्वा-द
5. अनिष्ट - अ-नि-ष्ट
6. प्रतारणा - प्र-ता-र-णा
7. नतमस्तक - नत-मस्त-क
8. अंकित - अं-कित
कवि कैसे पलों में ईश्वर के दर्शन करना चाहते हैं?
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Sign up nowकवि ईश्वर से क्या वरदान माँग रहे हैं?
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Sign up nowकवि किस ‘दीनता’ की बात कर रहे हैं
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Sign up nowव्यथित का अर्थ नहीं है-
(i) दुखी
(ii) पीड़ित
(iii) उदासीन
(iv) वेदनाग्रस्त
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Sign up nowकविता के मूल भाव से संबंधित कथनों का चुनाव कीजिए।
1. कवि का मन संसार से मिली हानि या वंचना को क्षति मानता है।
2. दुखों का सामना करने से मनुष्य को आत्मबल मिलता है।
3. सुख भरे क्षण में भी कवि नतमस्तक नहीं रहना चाहता।
4. सुख और दुख जीवन के अनिवार्य अंग हैं।
विकल्प-
(i) केवल 4 सही है।
(ii) 1,2 और 4 सही है।
(iii) 2 और 4 सही है।
(iv) 1 और 4 सही है।
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Sign up now"मैं दीनता स्वीकार करके अवश न बनूँ" - इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
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Sign up nowकवि ईश्वर से किसकी भिक्षा नहीं चाहता?
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Sign up now'जब सारी दुनिया मेरा उपहास करेगी'-पंक्ति के पीछे कवि का क्या भाव है? संसार संकट से घिरे व्यक्ति का उपहास क्यों उड़ाता है?
• क्या कभी आपका भी कोई उपहास उड़ाता है? तब आपको कैसा लगता है?
• आप उस स्थिति में क्या करते हैं- बदला लेते हैं? भूल जाते हैं? या चुपचाप सह जाते हैं?
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Sign up nowप्रस्तुत कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
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Sign up nowकविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए।
(क) मैं दीनता स्वीकार ______________ छल-कपट ही मेरे भाग्य में आए हैं
(ख) _____________यही प्रार्थना है।
सुख भरे________________.
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Sign up nowनीचे दी गई पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
'मेरा भार हलका कर दे',
यह याचना पूर्ण होने की सांत्वना नहीं चाहता,
'यह भार वहन करके चलता रहूँ - यही प्रार्थना है।
सुख भरे क्षणों में नतमस्तक हो तेरे दर्शन कर सकूँ।
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Sign up nowकविता में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों का निर्माण कीजिए।
(क) ___________________________
(ख) _____________________________
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Sign up nowकवि के भाग्य में ऐसा क्या आया है, जो उसके अंतर को क्षीण कर सकता है?
• आपको अपना भाग्य कैसा लगता है - आपके आत्मबल को बढ़ाने वाला या क्षीण करने वाला? तर्व सहित लिखिए। सहित लिखिए।
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Sign up now'उन्नति' से आप क्या समझते हैं? आप अपने जीवन में उन्नति करके कहाँ तक पहुँचना चाहेंगे? सोचिए और उत्तर दीजिए।
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Sign up nowExtra Questions - वरदान | गुलमोहर पाठ्यपुस्तक | Hindi | Class 7
'प्रभो '! विपत्तियों से रक्षा करो'
यह प्रार्थना लेकर मैं तेरे द्वार पर नहीं आया,
'विप्तियों से भयभीत न होऊँ'-
यही वरदान दे!
प्रवक्ता की विपत्तियों के प्रति दृष्टिकोण दैवीय संरक्षण के पारंपरिक अनुरोधों से किस प्रकार भिन्न है?
विपत्तियों से भयभीत न होने की वक्ता की अनुरोध उनकी व्यक्तिगत वृद्धि और सहनशक्ति के प्रति उनकी धारणा के बारे में क्या सुझाव देता है?
प्रवक्ता द्वारा बोझ को हल्का करने के बजाय उसका सामना करने में ताकत मांगने का महत्व क्या है? यह उनकी जीवन की चुनौतियों के प्रति दर्शन के बारे में क्या सुझाव देता है?
'प्रभो '! विपत्तियों से रक्षा करो'
यह प्रार्थना लेकर मैं तेरे द्वार पर नहीं आया,
'विप्तियों से भयभीत न होऊँ'-
यही वरदान दे!
प्रवक्ता की विपत्तियों के प्रति दृष्टिकोण दैवीय संरक्षण के पारंपरिक अनुरोधों से किस प्रकार भिन्न है?
विपत्तियों से भयभीत न होने की वक्ता की अनुरोध उनकी व्यक्तिगत वृद्धि और सहनशक्ति के प्रति उनकी धारणा के बारे में क्या सुझाव देता है?
प्रवक्ता द्वारा बोझ को हल्का करने के बजाय उसका सामना करने में ताकत मांगने का महत्व क्या है? यह उनकी जीवन की चुनौतियों के प्रति दर्शन के बारे में क्या सुझाव देता है?
वक्ता की विपत्तियों के प्रति दृष्टिकोण दैवीय संरक्षण के पारंपरिक अनुरोधों से इस प्रकार भिन्न है कि वह कठिनाइयों से बचाए जाने की बजाय उनसे भयभीत न होने की प्रार्थना करता है। यह दर्शाता है कि वह दैवीय हस्तक्षेप के बजाय व्यक्तिगत ताकत और सहनशीलता पर निर्भर रहना पसंद करता है।
विपत्तियों से भयभीत न होने की वक्ता की अनुरोध उनकी धारणा को सुझाता है कि चुनौतियों का सामना करने के बजाय उनसे बचने को महत्वपूर्ण नहीं मानते। यह दर्शाता है कि उन्हें डर के माध्यम से विकास और बहादुरी के विकास पर विश्वास है।
प्रवक्ता द्वारा बोझ को हल्का करने के बजाय उसका सामना करने में ताकत मांगने का महत्व यह दर्शाता है कि उनका दर्शन धैर्य और दृढ़ता को महत्व देता है। यह प्रतिबिंबित करता है कि वे मानते हैं कि जीवन के बोझ को चाहे कितना भी भारी क्यों न हो, उसका सामना करना चरित्र और व्यक्तिगत शक्ति को बढ़ावा देता है।
अपने दुख से व्यथित चित्त को
सांत्वना देने की भिक्षा नहीं माँगता,
'दुखों पर विजय पाऊँ'-
यही आशीर्वाद दे-यही प्रार्थना है!
तेरी सहायता मुझे न मिल सके तो भी
यह वर दे कि-
1. व्यक्तिगत कठिनाइयाँ एक व्यक्ति की वृद्धि और लचीलेपन में कैसे योगदान दे सकती हैं?
2. "'मुझे अपने दुखों पर विजय पाऊँ'" की व्याख्या करें।
3. चुनौतियों को पार करने के लिए आंतरिक शक्ति की तलाश की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करें।
4. कवि द्वारा आवश्यक वरदान क्या है?
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Sign up nowAbout the Poet - वरदान | Class 7 गुलमोहर पाठ्यपुस्तक | Hindi
रविंद्रनाथ ठाकुर, जिन्हें दुनिया रवींद्रनाथ टैगोर के नाम से जानती है, भारत के महान कवि और लेखक थे। उनका जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ था। टैगोर जी को साहित्य में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार भी मिला था, जो कि उन्हें देने वाले पहले एशियाई व्यक्ति बनाता है।
उन्होंने न केवल कविता लिखी, बल्कि उन्होंने गाने, नाटक, उपन्यास और चित्र भी बनाए। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति 'गीतांजलि' है, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। रवींद्रनाथ टैगोर ने 'जन गण मन' लिखा, जो कि भारत का राष्ट्रीय गान है।
टैगोर जी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया और शांतिनिकेतन की स्थापना की, जहाँ उन्होंने शिक्षा को खुले में और अधिक स्वतंत्र रूप से देने की कोशिश की। वे एक महान शिक्षाविद् और सोचने वाले व्यक्ति थे, जिन्होंने शिक्षा में कला और संस्कृति को जोड़ने की महत्वपूर्णता को समझाया।
रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया और उन्हें जीवन की सुंदरता और सच्चाई को समझने के लिए उत्साहित किया। उनके विचार और काव्य आज भी दुनिया भर में पढ़े और सराहे जाते हैं। टैगोर जी की मृत्यु 7 अगस्त, 1941 को हुई, लेकिन उनकी शिक्षाएँ और साहित्यिक कार्य आज भी हमें प्रेरित करते हैं।
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Unlock now 🔓Summary - वरदान | Class 7 गुलमोहर पाठ्यपुस्तक | Hindi
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Themes - वरदान | Class 7 गुलमोहर पाठ्यपुस्तक | Hindi
1. साहस और शक्ति
कविता हमें बताती है कि जब हमें जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, तो हमें उनसे डरने के बजाय उनका सामना करने की शक्ति मांगनी चाहिए। कवि भगवान ........
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1. संकट-सागर
इस कविता में 'संकट-सागर' का प्रतीक जीवन की मुश्किलों और चुनौतियों के लिए इस्तेमाल किया गया है। अक्सर समुद्र को इसकी विशालता और अनिश्चितता के ...
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1. पुनरावृत्ति (Repetition)
कवि ने कविता में कुछ शब्दों या वाक्यांशों को बार-बार दोहराया है। जैसे, "यही प्रार्थना है" और "यही वरदान दे" बार-बार आते हैं। इससे कविता में बल और......
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